धार्मिक / Religious
Devi Ahilyabai Holkar ne banwaye Mandir, Ghat, Kuyen, Babdi (देवीश्री अहिल्याबाई होलकर ने बनवाये मंदिर, घाट,कुएं,बाबड़ी )
देवी अहिल्याबाई होलकर ने भारतवर्ष के अनेक स्थानों पर मंदिर, धर्मशालाएं, कुएं, बावड़ियां घाट आदि बनवाये। जो निम्नलिखित हैं :

स्थान | निर्माण |
अम्बा गांव | यहां मंदिरों में रोशनी का प्रबन्ध किया। |
अयोध्या (उत्तर प्रदेश) | श्री राम मंदिर, श्री त्रेताराम मंदिर, श्री भैर’ मंदिर, नागेश्वर मंदिर, उर्फ सिद्धनाथ मंदिर, सरयू घाट,कुआँ स्वर्ग द्वारी मोहताज खाना व धर्मशालाएं बनवायी। |
अमरकंटक (मध्य प्रदेश) | श्री विश्वेश्वर मंदिर, कोटितीर्थ मंदिर, गोमुखी मंदिर, धर्मशाला व कुंड बनवाये |
द्वारिका (गुजरात) | मोहताज खाना, पूजा घर व पुजारी को कुछ गाव दान दिये | |
श्री रामेश्वर (तमिलनाडू) | हनुमान मंदिर, श्री राधाकृष्ण मंदिर, धर्मशाला की बाग बनवाये, रामेश्वर के मंदिर में एक पन्ना, दिया था जो कि आज भी विद्यमान है। |
बद्रीनारायण (उत्तराखंड) | श्री केदारेश्वर व हरि मंदिर, कई धर्मशालाएं (रंगदछती बीदरछती, व्यासगंगा, टंगानाथ, पवाली) कई कुंड (कुंडछत्री, गौरकुंड), देव प्रयाग में बाग व गरम पानी का कुंड बनवाया, एक सदाव्रत स्थापित किया और गायों के चरने के लिए घास का मैदान स्थापित किया। |
जगन्नाथपुरी (उड़ीसा) | श्री रामचन्द्र मंदिर, धर्मशाला व बाग बनवाया। |
सौराष्ट्र (गुजरात) | 1785 ई० में सोमनाथ महादेव के मंदिर का जीर्णोद्धार व मंदिर की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा करवाई। |
श्रीशैल मल्लिकार्जुन (कर्नूल, तमिलनाडू) | एक शिव मंदिर बनवाया। |
ओंकारेश्वर (मध्य प्रदेश) | ममलेश्वर महादेव, अमलेश्वर व त्रयम्बकेश्वर मंदिरों का जीर्णोद्वार करवाया, गौरी सोमनाथ के अधूरे मंदिर को पूर्ण किया तथा छत्री, ढोल, पालकी व शिवजी का चांदी का मुखौटा व फूलों का बाग बनवाया। धर्मशालाएं व तालाब सहित 12 चीजें बनवायीं। |
श्री बैजनाथ (परली) | सन् 1784 ई० में बैजनाथ के मंदिर का जीर्णोद्वार करवाया। |
काशी (बनारस), उत्तर प्रदेश | काशी विश्वनाथ मंदिर बनवाया) श्री तारकेश्वर, श्री गंगाजी, अहिल्या द्वारकेश्वर, गौतमेश्वर, महादेव के 4 मंदिर व 3 मंदिर घाट पर सहित 6 मंदिर, मणिकर्णिका घाट, दशाश्वमेघ घाट, जनाना घाट, अहिल्या घाट, उत्तरकाशी धर्मशाला, रामेश्वर पंचकोशी धर्मशाला, कपिल धारा धर्मशाला, 6 निजी भवन शीतला घाट पर दीवाल की कुर्सी व फूलों के बाग बनवाये। |
त्रयंबकेश्वर (नासिक),महाराष्ट्र | कुशावर्त घाट पर पुल बनवाया। |
घुष्णेश्वर (बेरूल) | शिवालय तीर्थ का निर्माण करवाया। |
वृन्दावन-मथुरा (उ०प्र०) | चैन बिहारी मंदिर, कालियादेह घाट, चीरघाट व अन्य घाट, धर्मशाला, लाल पत्थर की एक बावड़ी बनवाई, जिसमें 57 सीढ़ियां बनी हैं व अन्नक्षेत्र स्थापित किया |
हरिद्वार (उत्तराखंड ) | कुशावर्त घाट, मंदिर और विशाल धर्मशाला बनवायी। |
उज्जैन (मध्य प्रदेश) | चिन्तामन गणपति, जनार्दन, श्री लीला पुरूषोत्तम, बालाजी तिलकेश्वर, रामजानकी रास मंडल, गोपाल, चिटनीस, बालाजी, अंकपाल, शिवमंदिर आदि अनेक मंदिर व 13 घाट, कुंड, बावड़ियां व अनेक धर्मशालाएं बनवाई तथा महाकालेश्वर मंदिर के पूजन की व्यवस्था की। |
चित्रकूट (उत्तर प्रदेश) | श्री रामचन्द्र जी की व अन्य चार मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा की। |
पुष्कर (अजमेर, राज०) | गणपति मंदिर, धर्मशाला व फूलों का बाग बनवाया। |
एलोरा | लाल पत्थर का एक मंदिर बनवाया। |
भुसावल (महाराष्ट्र) | चांगदेव मंदिर बनवाया। |
पुणताम्बे अहमदनगर(महा०) | गोदावरी नदी पर एक घाट बनवाया। |
भरतपुर (राजस्थान) | मंदिर, धर्मशाला, कुंड व घाट बनवाया। |
नाथद्वारा (राजस्थान) | मंदिर, धर्मशाला, कुंआ व अहिल्या कुंड बनवाया। |
नीमगांव नासिक(महा०) | एक कुंआ बनवाया। |
टेहरी (बुन्देलखण्ड) | धर्मशाला बनवाई। |
बुरहानपुर (मध्य प्रदेश) | घाट व कुंड बनवाये। |
बेरुल ( कर्नाटक) | गणपति, पांडुरंग, जालेश्वर, खंडोबा, तीर्थराज व अग्नि के मंदिर व एक कुंड बनवाया। |
कुरुक्षेत्र (हरियाणा) | शिव शान्तनु महादेव मंदिर व पंचकुंड घाट व लक्ष्मीकुंड घाट बनवाया। |
सरधना – मेरठ (उ०प्र०) | चंडी देवी मंदिर बनवाया। |
नेमिषारण्य (उत्तर प्रदेश) | महादेव मढ़ी, नीमसार धर्मशाला, गो-घाट व चक्रतीर्थ कुंड बनवाये। |
सम्भल (उत्तर प्रदेश) | लक्ष्मी नारायण मंदिर व दो कुँए बनवाये। |
प्रयाग (इलाहाबाद, उ०प्र०) | विष्णु मंदिर, धर्मशाला, फूलों का बाग, घाट व सरकारी बाड़ा बनवाया। |
पंढरपुर (महाराष्ट्र) | श्री राम मंदिर, तलसी बाग, होलकर बाड़ा, सभा मंडप व धर्मशाला बनवायी तथा विटठल मंदिर में चाँदी के बर्तन दिये। |
चौंड़ी, अहमदनगर (महा०) | चौंड़ेश्वरी देवी मंदिर सिनेश्वर महादेव मंदिर, अहिल्येश्वर मंदिर, धर्मशाला व घाट बनवाये। |
जेजूरी, पूना (महा०) | मल्हार गौतमेश्वर, विट्ठल, मार्तण्ड मन्दिर जनाई महादेव व मल्हार तालाब बनवाया। |
सप्तश्रृंग (नासिक, महा०) | एक धर्मशाला बनवायी। |
संगमनेर (अहमदनगर,महा०): | राम मंदिर बनवाया। |
वाफगाँव (नासिक, महा०) | होलकर बाड़ा व एक कुंआ बनवाया। |
पंचवटी (नासिक, महा०) | श्री राम मंदिर, गोरामहादेव मंदिर, धर्मशाला, विश्वेश्वर मंदिर, रामघाट व धर्मशाला बनवाई। |
मिरि (अहमदनगर, महा०) | सन् १७८० ई० में भैरव मंदिर बनवाया। |
ममलेश्वर महादेव | मंदिर में रोशनी की व्यवस्था की। |
बीड हैदराबाद(तेलंगाना ) | घाट का जीर्णोद्वार किया। |
श्री भीमाशंकर (महा०) | गरीब खाना बनवाया। |
कुम्हेर, भरतपुर (राजस्थान) | युवराज खण्डेराव होलकर की छत्री व एक कुंआ बनवाया। इस छत्री में खण्डेराव होलकर की मूर्ति भी स्थापित करवाई गई। |
श्री गोकर्ण (तमिलनाडू) | रेवालेश्वर महादेव मंदिर, होलकर बाड़ा, बगीचा व गरीब खाना बनवाया। |
श्री विघ्नेश्वर | श्री विनेश्वर मंदिर में रोशनी का प्रबन्ध । |
भानपुरा, मंद्सौर ,मध्य प्रदेश | नौ मंदिर व धर्मशालाएं बनवायीं। |
रामपुरा, मंद्सौर, मध्य प्रदेश | चार मंदिर, धर्मशाला, छत्री व मकान बनवाये। |
आलमपुर (मिण्ड, म०प्र०) | हरिहरेश्वर, बटुक, मल्हारीमार्तड, सूर्य, रेणुका, राम, हनुमान मंदिर, श्रीराम मंदिर, मारुति मंदिर, लक्ष्मी नारायण मंदिर, नरसिंह मंदिर बनवाये तथा मल्हार राव (प्रथम) की छत्री तथा खांडेराव मार्तड का मंदिर बनवाया। |
आनंद कानन | विश्वेश्वर मंदिर बनवाया। |
इंदौर (म०प्र०) | अनेक छत्रियां, मंदिर व घाट बनवाये। |
ऋषिकेश (उत्तराखंड) | श्री नाथ जी, गोवर्धन राम जी के मंदिरों में सहायता दी व मूर्ति स्थापना तथा अनेक मंदिर बनवाये। |
केदारनाथ (उत्तराखंड ) | धर्मशाला व कुंड बनवाये। |
गंगोत्री (उत्तराखंड) | विश्वनाथ, केदारनाथ, अन्नपूर्णा, भैरव के मंदिर व ६ धर्मशालाएं व पहाड़ की चोटियों पर भी कई धर्मशालाए बनवाई। |
गया (बिहार) | विष्णुपद, अहिल्याबाई मंदिर बनवाया। |
चिंचवड़, पुणे (महा०) | गरीबों के लिए दान का प्रबन्ध किया। |
छौंदी | एक मंदिर बनवाया। |
तराना (म०प्र०) | तिलाभांडेश्वर शिव मंदिर, खेड़ापति, श्रीराम मंदिर, महाकाली मंदिर आदि बनवाये। |
त्र्ययंबकेश्वर (महा०) | दो मंदिर व एक तालाब बनवाया। |
नेमावर (म० प्र०) | एक मंदिर बनवाया। |
नीलकंठ महादेव | शिवालय व गोमुख बनवाया। |
कर्मनासिनी नदी | नदी पर पुल बनवाया। |
ओजर अहमदनगर,(महा०) | दो कुंए और एक कुण्ड बनवाया। |
सकरगाँव | एक कुआं बनवाया। |
पिम्पलस नासिक(महा०) | एक कुआँ बनवाया। |
बिठूर कानपुर(उoप्र०) | ब्रह्मघाट बनवाया। |
मंडलेश्वर | शिव मंदिर घाट बनवाया। |
महेश्वर, खारगोन(म०प्र०) | सैंकड़ों मंदिर, घाट, छत्रियाँ, धर्मशालाएँ व मकान आदि बनवाये। |
सिंहपुर | शिव मंदिर व धर्मशाला तथा घाट बनवाया। |
हँड़िया | सिद्धनाथ मंदिर व धर्मशाला तथा घाट बनवाया। |
सुलपेश्वर | महादेव मंदिर, अन्नक्षेत्र स्थापित किया। |
सुलतानपुर (खानदेश) | मंदिर बनवाये। |
श्री शंभुमहादेव डोगर सतारा (महा०) | कुआं बनवाया। |
चांदवड वाफगांव | विष्णु मंदिर, रेणुका मंदिर बनवाया। |
रावेर | केशव कुंड बनवाया। |
श्री नागनाथ (दारूकवन) | सन् १७८४ ई० में नागेश्वर मंदिर की पूजा का प्रबन्ध किया। |
जाँवगाँव | रामदास स्वामी के मठ को मदद दी। |
जामघाट | एक भूमि द्वार बनवाया। |
जलगाँव (महा०) | राम मंदिर बनवाया। |
चिखलदा | अन्नक्षेत्र स्थापित किया। |
कोल्हापुर (महा०) | मंदिर की पूजा का प्रबन्ध किया। |
मनासा | सात मंदिर बनवाये। |


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धनगर महारानी अहिल्याबाई होल्कर ने बहुत नेक काम किया । कई मंदिर, घाट, कुआ, बावड़ी बनवाये
देवी अहिल्याबाई होलकर ने कई महान कार्य किये ।
इन्दोर रियासत में सभी धनगर समाज (होल्कर) के राजाओ ने राज किया